प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही। प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही।
शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मानव जाति को......... शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मान...
देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से। देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से।
जो लुप्त हो गयी प्रजाति उनको तुम न ला पाओगे प्रण करो तुम बस इतना हमें लुप्त होने से बचाओगे। जो लुप्त हो गयी प्रजाति उनको तुम न ला पाओगे प्रण करो तुम बस इतना हमें लुप्त ह...
देवालय सब शांत पड़े हैं, कोलाहल कम, ऐसा मंजर, भगवान को भी अब भाया है, देवालय सब शांत पड़े हैं, कोलाहल कम, ऐसा मंजर, भगवान को भी अब भाया है,
अद्भुत प्रकृति के अद्भुत रंग मानव के साथ चलती संग संग अद्भुत प्रकृति के अद्भुत रंग मानव के साथ चलती संग संग